नेहरु रिपोर्ट (Nehru Report) |
नेहरु रिपोर्ट की विशेषताए
1. इसमें अधिकारों का विधेयक (Bill of Rights) शामिल किया गया था.
2. सरकार और सभी प्राधिकरणों - विधायी, कार्यकारी और न्यायिक - की सभी शक्ति लोगों से प्राप्त की जाती है और इसी संविधान द्वारा, या इसके तहत स्थापित संगठनों के माध्यम से प्रयोग किया जाएगा.
3. कोई राज्य धर्म नहीं होगा. इसके अलावा, पुरुषों और महिलाओं को नागरिकों के समान अधिकार होंगे.
4. संघीय ढाँचे के आधार पर भारत में सरकार का निर्माण हो, जिसमे एक मजबूत केंद्र हो.
5. इसमें एक उच्चतम न्यायलय के निर्माण का प्रस्ताव की गयी और प्रांतों को भाषा के रूप से पुनर्गठित करने का प्रावधान था.
6. इसने किसी भी समुदाय के लिए अलग चुनावी पद्धति के इस्तेमाल को बैमानी करार दिया. हलांकि, कम से कम दस प्रतिशत अल्पसंख्यकों वाले प्रांतों में अल्पसंख्यक सीटों के आरक्षण की बात राखी गयी.
7. संघ की भाषा भारतीय होगी, जो देवनागरी (हिंदी / संस्कृत), तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती, बंगाली या तमिल में लिखी जा सकती है. अंग्रेजी भाषा के उपयोग की अनुमति होगी.
इस रिपोर्ट को ब्रिटिश सरकार ने ख़ारिज कर दिया. मगर 1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस की पूर्ण स्वराज की उद्घोषणा के बाद इस रिपोर्ट को साइमन कमीशन रिपोर्ट के साथ तीन भारतीय गोलमेज सम्मेलन (1930-1932) में प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध कराया गया. ब्रिटिश सरकार ने इस रिपोर्ट को अपने कूटनैतिक तरीको से फिर से खारिज कर दिया और 1935 के भारत सरकार अधिनियम में इस रिपोर्ट का आंशिक भाग भी शामिल नहीं किया.