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भारतीय संविधान के संघात्मक और एकात्मक लक्षण |
भारतीय संविधान में संघात्मक लक्षण (Federal Features of Indian Constitution)
भारतीय संघ व्यवस्था में संघात्मक शासन के चार प्रमुख लक्षण देखे जा सकते हैं
1. संविधान की सर्वोच्चता,
2. संविधान के द्वारा केन्द्रीय सरकार और इकाइयों की सरकारों में शक्तियों का विभाजन,
3. लिखित और कठोर संविधान,
4. स्वतन्त्र उच्चतम न्यायालय
भारतीय संविधान में एकात्मक लक्षण (Unitary Features of Indian Constitution)
भारतीय संविधान निर्माताओ ने भारत की विशालता और विविधाताओ को देखकर संघीय ढाँचे के अनुसार भारत का संविधान बनाया हैं, मगर वे इस बात से भी अवगत थे कि भारत के केंद्र में जब भी कोई शासन कमजोर पड़ा हैं, तब तब भारत के एकता को धक्का लगा हैं, वे कमजोर होकर बिखर गया हैं, इसलिए उन्होंने भारत की एकता बनाये रखने के लिए एकात्मक शाशन पद्धति के कुछ प्रावधानों को संविधान में जगह दी हैं.
1. शक्ति का विभाजन केंद्र के पक्ष में हो.
2. एकल नागरिकता.
3. संघ और राज्य के लिए एक संविधान (जम्मू और कश्मीर के अपवाद के अलावा)
4. एकीकृत न्याय व्यवस्था
5. केंद्र के पास राज्य की सीमाओ को बदलने का अधिकार (अनुच्छेद 1 से 4)
6. आपातकाल में केंद्र के पास शक्तिया होना. (अनुच्छेद 352, 356, और 360)
7. सामान्य काल में भी संघीय सरकार की असाधारण शक्तियां (संघीय सूचि के अलावा, समवर्ती सूचि में शामिल सभी विषयो पर केंद्र सरकार का कानून राज्य सरकार के कानून के ऊपर मन जाएगा)
8. राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा
9. आर्थिक दृष्टि से राज्यों की केन्द्र पर निर्भरता
10. संविधान संशोधन में संघ को अधिक शक्तियां प्राप्त होना
11. अन्तर्राज्य परिषद् और क्षेत्रीय परिषदें
12. केंद्र शाषित प्रदेश, जिन पर सीधा सीधा केंद्र का अधिकार हैं.