Territorial changes by the States Reorganisation Act, 1956. |
भाग – क – ऐसे राज्य थे जो सीधा ब्रिटिश भारत में गवर्नर के अंतर्गत आते थे। ऐसे कुल 9 राज्य थे।
भाग – ख – ऐसे राज्य थे जहा पर राजशाही के साथ विधानमंडल थी। इन राज्यों की कुल संख्या 9 थी। इन राज्यों की अगुवाई राज्यप्रमुख करते थे।
भाग – ग – ऐसे राज्य थे जो ब्रिटिश भारत के मुख्य आयुक्त के अंतर्गत आते थे और साथ में ही इन पर शाही शासन भी था। इस खंड में कुल 10 राज्य थे।
भाग – घ – इस भाग में केवल अंडमान एवं निकोबार को रखा गया था।
धर आयोग समिति (Dhar Commission)
भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद देश के कई हिस्सों से भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग उठने लगी। ये मांग इसलिए भी उठ रही थी, क्यूंकि कांग्रेस ने आजादी से पूर्व राज्यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन करने का वादा किया था. इस सिलसिले में भारत सरकार ने एस. के. धर की अध्यक्षता में जून 1948 को एक भाषायी आयोग की नियुक्ति की। इस आयोग ने लगभग छ: महीने बाद दिसम्बर 1948 में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमे उसने राज्यों के पुनर्गठन का आधार भाषा न रखकर प्रशासनिक सुधार के आधार को कहा।
भाषायी प्रांत समिति (JVP Committee)
धर आयोग समिति की रिपोर्ट को जनता एक सिरे नकार दिया और देश में बिगडती परिस्थितियों को देख भारत सरकार ने दिसम्बर 1948 जवाहर लाल नेहरु, सरदार वल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैया के अध्यक्षता में एक नयी भाषायी प्रांत समिति का गठन किया। इस समिति को इसके सदस्यों के नाम के आधार पर जेवीपी समिति (JVP Committee) कहा गया।
इस समिति ने संसद के सामने अपनी रिपोर्ट अप्रैल 1949 में पेश की और इसने भी माना कि परिस्थतियो को देखते हुए राज्यों के पुनर्गठन का आधार भाषा न होकर, प्रशासनिक सुधार हो।
लेकिन इसके विरोध में एक लम्बा आन्दोलन चला. ये आन्दोलन खासकर देश के दक्षिणी राज्यों में देखा गया और 56 दिन की भूख हड़ताल के बाद दक्षिण भारत के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पोट्टी श्रीरामुलु का निधन हो गया, जिससे इस आन्दोलन का आवेग और भी बढ़ गया। अत: भारत सरकार को मजबूर होकर अक्टूबर 1953 में भाषीय आधार पर मद्रास से तेलगु भाषी प्रदेश को अलग कर आंध्र प्रदेश का गठन किया गया।
फज़ल अली आयोग (Fazl Commission)
आंध्र प्रदेश के गठन के बाद, अन्य राज्यों में भी भाषा के आधार पर नए राज्यों की मांग उठने लगी। और अतत: भारत सरकार ने दिसम्बर 1953 में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसके अध्यक्ष फज़ल अली थे. समिति के बाकी दो सदस्यों के नाम: के एम् पणिक्कर और एच एन कुंजुरु हैं.
इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट 1955 में पेश की और राज्यों के पुनर्गठन में भाषा को मुख्य आधार मान लिया गया, लेकिन समिति ने एक राज्य एक भाषा के सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया और राज्य पुनर्गठन के लिए भाषा के अलावा सांस्कृतिक एकरूपता और प्रशासनिक व आर्थिक ढाँचे को भी आधार बनाया.
फज़ल अली आयोग की सलाह पर भारत सरकार ने 7 वें संविधान संसोधन अधिनियम 1956 के द्वारा राज्य पुनर्गठन आयोग (1956) स्थापित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप भारत को 1 नवम्बर 1956 को 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशो में पुनर्गठित किया गया।
1956 में भारतीय क्षेत्र
भारत के राज्य.
1. आंध्र प्रदेश
2. असम
3. बिहार
4. बॉम्बे
5. जम्मू और कश्मीर
6. केरल
7. मध्य प्रदेश
8. मद्रास
9. मैसूर
10. उड़िशा
11. पंजाब
12. राजस्थान
13. उत्तर प्रदेश
14. पश्चिम बंगाल
भारत के संघशाषित प्रदेश
1. अंदमान और निकोबार द्वीप समूह
2. दिल्ली
3. हिमाचल प्रदेश
4. लकादिव, मिनिकॉय और अमिन्दिवी द्वीप समूह
5. मणिपुर
6. त्रिपुरा