Citizenship of India Article 5-11 Explained |
भारतीय नागरिको को मिलने वाले कुछ विशेषाधिकार:
- धर्म , मूल वंश , जाति , लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद – 15)
- लोक नियोजन के विषय में समान अवसर का अधिकार (अनुच्छेद – 16)
- वाक् स्वातंत्र्य, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मलेन, संघ, संचरण, निवास और व्यवसाय का अधिकार (अनुच्छेद – 19)
- संस्कृति एवं शिक्षा से सम्बंधित अधिकार (अनुच्छेद – 29 व 30)
- लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनावों में मतदान करने का अधिकार
- चुनाव लड़ने का अधिकार
- संविधानिक पदों (राष्ट्रपति , उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्ययाधीश) पर नियुक्ति का अधिकार
यह ध्यान देने योग्य बात हैं कि भारत में दोनों जन्म या प्राकृतिक रूप से बने नागरिक राष्ट्रपति बनने का अधिकार रखते हैं, वही पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में केवल अमेरिका में जन्म लिए नागरिक ही राष्ट्रपति बन सकते हैं.
भारतीय नागरिकता से जुड़े प्रावधान
भारतीय संविधान के भाग 2 में अनुच्छेद 5 से 11 में भारतीय नागरिकता से संबंधित प्रावधानों का उलेख किया गया है। ये कुछ इस प्रकार हैं.
अनुच्छेद - 5 (Article 5)
वह व्यक्ति जो संविधान की प्रारंभ से भारत के राज्यक्षेत्र में निवास करते हो और
- वह भारत में जन्मे हो
- या उसके माता या पिता भारत में जन्में हो
- या वह भारतीय संविधान (Constitution of India) लागु होने से पूर्व लगातार 5 वर्षो तक भारत में रहा हो,
वह भारतीय नागरिक होगा।
अनुच्छेद 6 (Article 6)
वह व्यक्ति जो पाकिस्तान से भारत के राज्यक्षेत्र में प्रवजन (Migrate) किया हो और
- भारत शासन अधिनियम 1935 में परिभाषित भारत की सीमओं में जन्मा हो.
- या जो 19 जुलाई 1948 से पहले भारत में आ गए हो
वह भारतीय नागरिक होंगे। वे जो 19 जुलाई 1948 के बाद भारत में आए उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन देना होगा।
अनुच्छेद 7 (Article 7)
ऐसे व्यक्ति जो 1 मार्च 1947 से पहले पाकिस्तान चले गए, वें भारत के नागरिक नहीं होंगे, लेकिन वें 19 जुलाई 1948 से पहले भारत वापिस आ जाते हैं, तो वे भारतीय नागरिक कहलायेंगे।
अनुच्छेद 8 (Article 8)
ऐसे व्यक्ति जो भारत में जन्मा हो परन्तु विदेश में रहने वाले हो, और भारत सरकार अधिनियम 1935 (Government of India Act, 1935) के अंतर्गत भारत के नागरिक थे, वे भारतीय कौंसिल में दिए गए निवेदन और दस्तावेजो के अनुसार भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत कर लिए जायेंगे।
अनुच्छेद 9 (Article 9)
यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वयं की इच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता लेता हैं तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वत: ही समाप्त हो जाएगी।
अनुच्छेद 10 (Article 10)
प्रत्येक व्यक्ति जो इस भाग के पूर्वगामी प्रावधानों के तहत भारत के नागरिक है या किसी भी कानून के प्रावधानों के अधीन होगा जो संसद द्वारा तैयार किया जा सकता है, ऐसे नागरिक बने रहेंगे।
अनुच्छेद 11 (Article 11)
नागरिकता के विषय पर विधि बनाने का अधिकार केवल भारतीय संसद के पास रहेगा ।
Tags:
Indian Constitution