व्हिटली कमीशन (Whitley Commission - Royal Commission on Labour 1929)

John Henry Whitley, Chairman of Whitley Commission 1929
John Henry Whitley, Chairman of Whitley Commission 1929
भारत में औद्योगिक उपक्रमों में श्रमिको की मौजूदा स्थितियों की जानकारी के लिए 1929 में रॉयल कमीशन ऑन लेबर की स्थापना की गई थी। इस आयोग की अध्यक्षता जॉन हेनरी व्हिटली ने की थी। इसलिए इस आयोग को व्हिटली कमीशन के नाम से भी जाना जाता हैं। आयोग ने 1931 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट ने कई को आश्चर्यचकित करते हुए बताया कि भारत में गरीबी का मुख्य कारण भारत का पिछड़ा हुआ सामाजिक और औद्योगिक औद्योगिक ढांचा था। और इस समस्याओं को दूर करने में ब्रिटिश नियोक्ताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी।

आयोग ने श्रम आँकड़ों के व्यवस्थित संग्रह की आवश्यकता बताई और सुझाया कि नीतियों का निर्माण तथ्यों पर होना चाहिए। क्योंकि आयोग समझता था कि तथ्यों की अनिश्चितता से किसी भी नीति के उद्देश्य को लेकर भ्रम बढ़ता हैं। आयोग ने एक सक्षम श्रम प्राधिकरण बनाने की मांग की और उसे श्रमिको की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के बारे में जानकारी एकत्र करने और उस जानकारी के आधार पर उपयुक्त श्रम कानून अपनाने की सिफारिश की।

व्हिटली को इस रिपोर्ट पर उनके काम के लिए नाइटहुड की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
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